HINDI LITERATURE
Hindi Literature Optional- हिन्दी साहित्य ऑप्शनल
परिचय
हिन्दी साहित्य UPSC के सर्वाधिक अंकदाई वैकल्पिक विषयों में से एक है। अन्य वैकल्पिक विषयों की तुलना में इसमें 300+ अंक लाना आसान है, इसके साथ ही यह विषय रोचक, छोटा और स्थिर (Static) प्रकृति का है। English Medium के अभ्यर्थियों के बीच भी यह एक लोकप्रिय वैकल्पिक विषय है। हिन्दी साहित्य एथिक्स और निबंध के पेपर में भी बड़ा योगदान देता है।
निःशुल्क गाइडेंस
Telegram में HINDIneering के माध्यम से हम अभ्यर्थियों को फ्री कोर्सेस और गाइडेंस देते हैं। हिंदीनियरिंग पूरे भारत में हिन्दी साहित्य ऑप्शनल का सबसे बड़ा, सबसे विश्वसनीय और सबसे लोकप्रिय चैनल है, साथ ही यह 2020-2023 के ज़्यादातर UPSC सेलेक्टेड अभ्यर्थियों द्वारा joined हिंदी साहित्य ऑप्शनल का फ्री मेंटोरशिप चैनल है।
यहाँ आपको हिंदी साहित्य की स्ट्रेटेजी, व्याख्या लिखने का सही तरीका, भाषा खंड में अच्छे अंक लाने की सटीक रणनीति, अपडेटेड कंटेन्ट, सेलेक्टेड स्टूडेंट्स की कॉपियाँ, अच्छे चेक्ड उत्तर, मॉडल उत्तर, सर के लिखे handwritten उत्तर, 85 से ज्यादा स्ट्रेटेजी, हिंदी साहित्य में 300+ की तैयारी, मेंस लिख चुके अभ्यर्थियों के फीडबैक, नोट्ज़ के अलावा क्या पढ़ें, व्याख्या कैसे पढ़ें आदि विस्तार से सीखने को मिलता है। यह पूरी तरह से मेंस ओरिएंटेड़ चैनल है।
Courses: Details and Features
हिन्दी साहित्य मेंटोरशिप हमारे संस्थान के प्रमुख UPSC मेंस कोर्सेस में से एक है। पिछले कई वर्षों में हिन्दी साहित्य में हमारा रिजल्ट पूरे देश में उत्कृष्ट रहा है। हमारे प्रोग्राम से मेंस देने वाले अभ्यर्थियों ने सर्वोत्तम अंक दिए हैं। अभी तक हिन्दी ऑप्शनल के 10 मेंटोरशिप प्रोग्राम चल चुके हैं, इसमें शामिल लगभग सभी अभ्यर्थियों के अनुभव, फीडबैक और रिजल्ट हमारे Open Telegram Channel- Hindineering में देखे जा सकते हैं।
हिन्दी साहित्य के, साल में, दो मेंटोरशिप प्रोग्राम चलते हैं- पहला प्रारम्भिक परीक्षा के तुरंत बाद से लगभग 3 महीने+ का Full Mentorship Programme और दूसरा अक्तूबर से जनवरी तक Foundation Mentorship Programme . इनके विस्तृत फीचर्स निम्नलिखित हैं-
- यह मेंटोरशिप प्रोग्राम फ्री चैनल @hindineering ज्यादा व्यापक, विस्तृत और बेसिक से एडवांस लेवल की ओर है। इस मेंटोरशिप प्रोग्राम का उद्देश्य 100 दिनों में हिन्दी साहित्य को व्यवस्थित तरीके से ‘गद्य, पद्य, भाषा, व्याख्या आदि के अलग-अलग strategies सेशनों के माध्यम से सीखकर’, उत्तर लेखन, टेस्ट्सीरिज और बेस्ट मूल्यांकन+फीडबैक और सुधार के साथ कवर करना है। स्वयं से हिन्दी साहित्य कवर करने में 6 महीने लगते हैं, किसी टीचर के गाइडेंस में पढ़ेंगे तो 3 महीने में व्यवस्थित तरीके से पूरा सिलेबस हो जाता है। यह पूरे भारत में एकमात्र ऐसा प्रोग्राम हैं जिसमें एक टीचर के गाइडेंस में 300 अंको के लिए सटीक और प्रामाणिक (proven) स्ट्रेटजी, डेली आंसर राइटिंग, मॉडल उत्तर, फुल टेस्ट सीरीज, पर्सनल गाइडेंस एक ही जगह, एक ही प्रोग्राम में आपको मिलेगा। मेंटोरशिप में डेली आंसर राइटिंग और टेस्ट सभी का एवैल्यूएशन सर द्वारा स्वयं किया जाता है, अन्य कोचिंग संस्थानों की तरह इवैल्यूएशन पार्ट टाइम या साइड स्टाफ से नहीं करवाया जाता। इस प्रोग्राम में उन सभी समस्याओं को एड्रेस किया जाएगा जो ऑप्शनल पढ़ने और तैयारी के दौरान आती हैं, जैसे–
-ऑप्शनल और GS के पेपरों की डिमांड में क्या मूल अंतर है?
-हिन्दी साहित्य में कम अंक आने के पीछे क्या कारण हैं?
-कोचिंग के नोट्स कितने, कैसे व किस अनुपात में पढ़ना है?
-मूल रचनाओं में क्या, कितनी बार और कैसे पढ़ना है?
-व्याख्या पहचानने की सटीक रणनीति क्या हो?
-नोट्स पढ़ने का तरीका क्या होना चाहिए?
-शॉर्ट नोट्स कितने और कैसे बनाना है?
-नए उदाहरणों को कैसे खोजना है?
-साथ-साथ व्याख्या लिखने काअभ्यास कैसे करना है?
-भूमिका और निष्कर्ष कैसे लिखे जाते हैं?
-प्रश्न को कैसे अप्रोच किया जाता है?
-जो पढ़ा है, उसे उत्तर में किस अनुपात में डालना है?
-नोट्स में दिए गए सभी पॉइंट्स को उत्तर में उतारना है या कुछ विशेष पॉइंट्स को
-भाषा खंड के लिए तैयारी किस तरह अलग होनी चाहिए?
-सबसे महत्वपूर्ण, हिन्दी भाषा को कैसे सुधारना और UPSC के स्तर का बनाना है?
इन सब बातों सेशन में डिस्कशन होता है और इन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- मेंटोरशिप प्रोग्राम के लिए अलग प्राइवेट टेलीग्राम ग्रुप होता जो पूरी तरह से अनुराग त्रिपाठी सर के संचालन में रहता है। सभी DAW (डेली आन्सर राइटिंग) के प्रश्न और टेस्ट सीरीज सर द्वारा ही तैयार किए जाते हैं। आपको प्रत्येक महीने का पूरा व्यवस्थित schedule दे दिया जाता है, जो साइंटिफिक तरीके से तैयार और डिवाइड होता है। रोज 30 मिनट प्रेक्टिस के लिए प्रश्न दिए जाएंगे। DAW के सभी प्रश्न और टेस्ट्सीरीज़ के सभी टेस्ट सर द्वारा चेक किए जाते हैं। जिसमें कंटेन्ट, भाषा, प्रजेंटेशन, रेशियो, हैंडराइटिंग आदि पर मूल्यांकन होता है। हमारे यहाँ टेस्ट कपियाँ सर, स्वयं ही चेक करेंते हैं, कोई स्टाफ, विश्वविद्यालयों के शोधार्थी या एक्सपर्ट नहीं। यही हमारे मेंटरशिप प्रोग्राम की USP है।
- सारे उत्तर आपकी कॉपी (pdf) में ही चेक होंगे ताकि अधिक लाभकारी फ़ीडबैक मिल सके और हर एक अशुद्धि को हाईलाइट किया जा सके। पिछले कई मेंटोरशिप प्रोग्राम्स में ऐसे बहुत से सिलेक्टेड/ इंटरव्यू अपीयर्ड अभ्यर्थी जॉइन रहे जो पिछले कई प्रयासों से 200-240 ही पा रहे थे। इसके मुख्य कारण- व्याख्या लिखने का गलत तरीका, भाषाई और व्याकरणिक अशुद्धियाँ, उत्तर में आनुपातिक समस्या, पढ़ने की गलत स्ट्रेटजी आदि रहते हैं। सामान्यतः इन पर न अभ्यर्थी ध्यान देते हैं, न संस्थान; इसी कारण, आसान विषय होने के बावजूद हिन्दी साहित्य में अंक कम आते हैं।
- इस प्रोग्राम में पूरी टेस्ट सीरीज भी शामिल है जिससे आपको दोनों लाभ (DAW+ टेस्ट अभ्यास) एक ही प्रोग्राम में मिल सकें। इस प्रोग्राम का एक लाभदायक फीचर यह भी है कि आपको सभी स्टूडेंट्स के सभी उत्तरों को देखने की सुविधा मिलेगी। ताकि आप सीख सकें कि कैसे अच्छा लिखा जाता है क्या/कैसे लिखने पर 80% अंक मिलते हैं और क्या गलत करने पर 30%।
- इस प्रोग्राम में 8 ऑनलाइन सेशन रहते हैं। (व्याख्या के लिए 2 लेक्चर्स निर्धारित हैं -व्याख्या ही समस्या वाला पार्ट है और व्याख्या में ज़्यादातर स्टूडेंट्स गलतफहमी के शिकार हैं।) सेशनों में गद्य, पद्य, भाषा, व्याख्या आदि से संबन्धित स्ट्रेटजी, किस रचना को पढ़ना है, क्या पढ़ना है, व्याख्या पहचानने के तरीके, विशेष और काव्यगत सौंदर्य को बेहतर लिखने-सोचने के तरीके, प्रश्नों को चुनने का आधार, अभी तक 300+ लाने वाले अभ्यर्थियों की खूबियाँ और आपके लिए optimum रणनीतियाँ डिस्कस होटी हैं। ये सभी सेशन आपको 300 अंको तक पहुँचने के दिशानिर्धारक रहते हैं।
- कुछ नए और कठिन प्रश्नों की रूपरेखा, कथन/उदाहरण/ पंक्तियाँ रिप्लेस करने के तरीके, नोट्स एनरिचमेंट्स, स्ट्रेटजी, हैंडराइटिंग और प्रजेंटेशन सुधारने की तकनीकें ये सब इस प्रोग्राम का भाग रहता है। व्याख्या अभ्यास पर विशेष ध्यान और कुछ लेखकों, कवियों के लिए संदर्भ, प्रसंग और विशेष पर रेडीमेड सामग्री तैयार करने और उसके साइंटिफिक तरीके से शॉर्ट नोट्स बनाने के तरीके सिखाए जाते हैं।
- सर से UPSC से संबन्धित किसी भी विषय पर मार्गदर्शन लेने की सुविधा और आवश्यकता होने पर सर से किसी भी विषय पर डायरेक्ट बात करने की यथाउपयुक्त सुविधा रहेती है।
हिन्दी साहित्य वैकल्पिक विषय: UPSC Syllabus
हिंदी साहित्य पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र-1
- अपभ्रंश, अवहट्ट और प्रारंभिक हिन्दी का व्याकरणिक तथा अनुप्रयुक्त स्वरूप।
- मध्यकाल में ब्रज और अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास।
- सिद्ध एवं नाथ साहित्य, खुसरो, संत साहित्य, रहीम आदि कवियों और दक्खिनी हिन्दी में खड़ी बोली का प्रारंभिक स्वरूप।
- उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास।
- हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण।
- स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
- भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
- हिन्दी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास।
- हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ और उनका परस्पर संबंध।
- नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिन्दी का स्वरूप।
- मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना
खंड : ‘ख’ (हिन्दी साहित्य का इतिहास) - हिन्दी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिन्दी साहित्य के इतिहास-लेखन की परम्परा।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ
(क) आदिकालःसिद्ध, नाथ और रासो साहित्य।
प्रमुख कविः चंदबरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति।
(ख) भक्ति कालः संत काव्य धारा, सूफी काव्यधारा, कृष्ण भक्तिधारा और राम भक्तिधारा।
प्रमुख कविः कबीर, जायसी, सूर और तुलसी।
(ग) रीतिकालः रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य, रीतिमुक्त काव्य
प्रमुख कविः केशव, बिहारी, पदमाकर और घनानंद।
(घ) आधुनिक कालः नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेन्दु मंडल
प्रमुख कविः भारतेन्दु, बाल कृष्ण भट्ट और प्रताप नारायण मिश्र।
(ड.) आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ: छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता।
प्रमुख कविः मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध, नागार्जुन।- कथा साहित्यः
(क) उपन्यास और यथार्थवाद
(ख) हिन्दी उपन्यासों का उद्भव और विकास
(ग) प्रमुख उपन्यासकार : प्रेमचन्द, जैनेन्द्र, यशपाल, रेणु और भीष्म साहनी।
(घ) हिन्दी कहानी का उद्भव और विकास।
(ड़) प्रमुख कहानीकार : प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, मोहन राकेश और कृष्णा सोबती। - नाटक और रंगमंच :
(क) हिन्दी नाटक का उद्भव और विकास
(ख) प्रमुख नाटककार : भारतेन्दु, जयशंकर प्रसाद, जगदीश चंद्र माथुर, रामकुमार वर्मा, मोहन राकेश।
(ग) हिन्दी रंगमंच का विकास। - आलोचना :
(क) हिन्दी आलोचना का उद्भव और विकास- सैद्धांतिक, व्यावहारिक, प्रगतिवादी, मनोविश्लेषणवादी आलोचना और नई समीक्षा।
(ख) प्रमुख आलोचक – रामचन्द्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा और नगेन्द्र।
- कथा साहित्यः
हिंदी साहित्य पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र-2
इस प्रश्नपत्र में निर्धारित मूल पाठ्यपुस्तकों को पढ़ना अपेक्षित होगा और ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे जिनसे अभ्यर्थी की आलोचनात्मक क्षमता की परीक्षा हो सके।
खंड : ‘क’ (पद्य साहित्य)
- कबीर: कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास
- सूरदास: भ्रमरगीत सार (आरंभिक 100 पद) सं. रामचंद्र शुक्ल
- तुलसीदास: रामचरित मानस (सुंदर काण्ड), कवितावली (उत्तर काण्ड)
- जायसी: पदमावत (सिंहलद्वीप खंड और नागमती वियोग खंड) सं. श्याम सुन्दर दास
- बिहारी: बिहारी रत्नाकर (आरंभिक 100 दोहे) सं. जगन्नाथ दास रत्नाकर
- मैथिलीशरण गुप्त: भारत भारती
- जयशंकर प्रसाद: कामायनी (चिंता और श्रद्धा सर्ग)
- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ : राग-विराग (राम की शक्ति पूजा और कुकुरमुत्ता) सं. रामविलास शर्मा
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’ : कुरुक्षेत्र
- अज्ञेय: आंगन के पार द्वार (असाध्यवीणा)
- मुक्ति बोध: ब्रह्मराक्षस
- नागार्जुन : बादल को घिरते देखा है, अकाल और उसके बाद, हरिजन गाथा।
खंड : ‘ख’ (गद्य साहित्य)
- भारतेन्दु: भारत दुर्दशा
- मोहन राकेश: आषाढ़ का एक दिन
- रामचंद्र शुक्ल: चिंतामणि (भाग-1), (कविता क्या है, श्रद्धा-भक्ति)।
- निबंध निलय: संपादक : डॉ. सत्येन्द्र। बाल कृष्ण भट्ट, प्रेमचन्द, गुलाब राय, हजारीप्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा, अज्ञेय, कुबेरनाथ राय।
- प्रेमचंद:गोदान, ‘प्रेमचंद’ की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ (संपादक : अमृत राय)
- प्रसाद: स्कंदगुप्त
- यशपाल: दिव्या
- फणीश्वरनाथ रेणु: मैला आंचल
- मन्नू भण्डारी: महाभोज
- राजेन्द्र यादव (सं.) :एक दुनिया समानान्तर (सभी कहानियाँ)